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टाइफाइड बुखार : कारण, लक्षण और रोकथाम

टाइफाइड बुखार के लक्षण

टाइफाइड बुखार : कारण, लक्षण और इलाज

टाइफाइड बुखार साफ पानी के अभाव में होने वाली एक गंभीर संक्रामक बीमारी है जो खासतौर उन इलाकों में ज्यादा होती है जहां स्वच्छता की कमी होती है|

टाइफाइड बुखार क्या है? (What is Typhoid Fever?)

टाइफाइड बुखार साल्मोनेला टाइफी (salmonella typhi)नामक वायरस से होने वाली एक बीमारी है जिसमें मरीज को तेज बुखार आता है| इस बुखार के साथ साथ मरीज को कमजोरी, पेट में दर्द और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल (gastro-intestinal) (जठरांत्र की प्रोसेस जो खाना पचाने, पोषक तत्वों के अवशोषण और पाचन के बाद बचे अवशिष्ट पदार्थों को खत्म करती है) की परेशानी होती हैं| टाइफाइड बुखार गंदे भोजन और दूषित पानी से फैलता है| इसकी जांच में ब्लड टेस्ट, स्टूल और यूरिन कल्चर और इमेजिंग स्टडी की जाती है| इस बीमारी को रोकने और स्वस्थ रहने के लिए पर्याप्त सफाई यानी सेनिटेशन बहुत महत्वपूर्ण है|

टाइफाइड बुखार का कारण क्या है? (What Causes Typhoid Fever?)

टाइफाइड बुखार अस्वच्छ भोजन और गंदे पानी में रहने वाले बैक्टीरिया साल्मोनेला टाइफी के संक्रमण से होता है| इसके संक्रमण के शुरूआती तरीके ये हैं|

1. गंदा भोजन और दूषित पानी

टाइफाइड बुखार संक्रमित मरीज के मल के संपर्क से दूषित हुए भोजन और पानी के उपयोग से फैलता है| आमतौर पर जिन इलाकों में पर्याप्त सफाई की व्यवस्था नहीं होती, वहां संक्रमित व्यक्ति के मल पर बैठी मक्खियां पानी और भोजन को संक्रमित कर देती हैं, इस संक्रमित भोजन और पानी के सेवन से दूसरे व्यक्ति को टाइफाइड बुखार हो जाता है|

2. सेनिटेशन का अभाव

सेनिटेशन जैसे सीवेज व्यवस्था का अभाव और साफ पानी की कमी टाइफाइड बुखार के फैलने का कारण बन जाती है|

3. सीधा संपर्क

संक्रमित मरीज द्वारा इस्तेमाल की गई निजी चीजों और अवशिष्ट यानि कि आस पास के कचरे के संपर्क में आने से भी बैक्टीरिया दूसरे लोगों में फैल सकते हैं|

टाइफाइड बुखार के लक्षण क्या हैं? (What are the Symptoms of Typhoid Fever?)

टाइफाइड बुखार अलग अलग चरणों में कुछ हफ्तों में बढ़ जाता है| जिसके लक्षण गंभीरता के आधार पर मरीजों में अलग अलग हो सकते हैं| टाइफाइड बुखार के शुरूआती लक्षण धीरे धीरे सामने आते हैं| अक्सर इन्हें सामान्य बुखार के लक्षण मानकर नजरंदाज किया जाता है जिसके चलते बीमारी का जल्द इलाज मुश्किल हो जाता है| टाइफाइड संक्रमण के लक्षण इस प्रकार हैं|

  1. तेज और लगातार बुखार बने रहना टाइफाइड बुखार का एक सामान्य लक्षण कहा जाता है| शुरूआती दिनों में बुखार हल्का होता है और फिर धीरे धीरे ये लंबे समय तक चलता है|
  2. टाइफाइड बुखार के मरीज को बहुत ज्यादा थकान और शारीरिक कमजोरी महसूस होती है| इसी थकान के चलते मरीज रोजमर्रा के कामकाज करने में मुश्किल महसूस करने लगता है|
  3. पेट में दर्द और भारीपन महसूस होता है|
  4. मरीज के सिर में लगातार तेज सिरदर्द होता है|
  5. कुछ मरीजों की छाती और पेट की त्वचा पर छोटे छोटे गुलाबी रंग (rose spot)के सपाट दाने दिखने लगते हैं|
  6. मरीज की भूख कम हो जाती है और इसके चलते उसका वजन भी घटने लगता है| मरीज के शरीर में पोषण की कमी हो जाती है|
  7. मरीज के शरीर में दस्त और कब्ज जैसी दिक्कतें पैदा हो जाती है|
  8. टाइफाइड बुखार के गंभीर लक्षणों में लिवर और तिल्ली में सूजन आ जाती है|
  9. टाइफाइड के मरीज को टेंपरेचर संबंधी दिक्कतें होती हैं, जैसे कभी ठंड लगना और कभी पसीना आना|
  10. टाइफाइड बुखार के कुछ मामलों में मरीज को सूखी खांसी भी हो सकती है|

टाइफाइड बुखार की जांच कैसे होती है? How is Typhoid Fever Diagnosed?

टाइफाइड बुखार की जांच में बॉडी में साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया या उसकी एंटीबॉडी की मौजूदगी की पहचान की जाती है| इस सटीक जांच के लिए कई चरणों का पालन किया जाता है|

ब्लड टेस्ट – इसके तहत विडाल टेस्ट, टाइफोडॉट टेस्ट और ब्लड कल्चर किया जाता है|

  1. विडाल टेस्ट (Widal Test) – ये टाइफाइड बुखार की सबसे आम और ट्रेडिशनल जांच है| इस जांच में खून में साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया या उसकी एंटीबॉडी की मौजूदगी का पता लगाया जाता है| इस टेस्ट में इंफेक्शन को रोकने के लिए इम्यून सिस्टम यानी प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा बनाई जा रही एंटीबॉडी को मापा जाता है|
  2. टाइफोडॉट टेस्ट (Typhidot test) – टाइफोडॉट टेस्ट भी एक तरह की सीरोलॉजिकल टेस्ट होता है| इसमें एलिसा किट के जरिए ब्लड टेस्ट किया जाता है और शरीर में साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया के खिलाफ लड़ने के लिए  आईजीएम (IgM) और  IgM और आईजीजी (IgG) जैसी एंटीबॉडी की पहचान की जाती है|
  3. ब्लड कल्चर – (blood culture) – इस टेस्ट में खून में साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया की मौजूदगी पता करने के लिए ब्लड इकट्ठा करके लेबोरेटरी में उसका ब्लड कल्चर (रक्त संस्कृति परीक्षण) किया जाता है|
  4. यूरिन और स्टूल कल्चर (Stool or Urine Cultures) – कई मामलों में जब ब्लड कल्चर की रिपोर्ट निगेटिव आती है और क्लीनिकल जांच पर संदेह होती है, तब मरीज के मल और मूत्र के नमूनों का कल्चर किया जाता है| बुखार के गंभीर चरणों के दौरान यूरिन और स्टूल से साल्मोनेला टाइफी सामने आ सकता है| इससे आगे की जांच के लिए दूसरे सुराग मिल जाते हैं|
  5. अन्य टेस्ट (other test) – क्लीनिकल जांच के परिणाम और दूसरे तरीकों के आधार पर अतिरिक्त टेस्ट जैसे पीसीआर (polymerase chain reaction) या सेरोलॉजिकल टेस्ट किए जा सकते हैं| इस तरह की जांच में बैक्टीरियल डीएनए और साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया के खिलाफ एंटीबॉडी का पता लगाया जाता है|

टाइफाइड बुखार का इलाज कैसे होता है ? How is Typhoid Fever Treated?

टाइफाइड बुखार में डॉक्टर कि सलाह लेने के साथ साथ सही देखभाल भी काफी फायदेमंद साबित होता है|

  1. हाइड्रेशन – मरीज के शरीर में हाइड्रेशन का स्तर सही रखना चाहिए| खासकर जिन मरीजों को दस्त लगे हैं, उन्हें ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन (ORS) और आईवी (IV) फ्लूइड देना जरूरी है|
  2. आराम – मरीज को बुखार से रिकवरी के लिए पर्याप्त आराम जरूरी होता है|
  3. भोजन – मरीज को आसानी से पचने वाला पौष्टिक भोजन दिन में कई बार लेकिन कम मात्रा में देना चाहिए|

टाइफाइड बुखार को कैसे रोका जा सकता है? (How to Prevent Typhoid Fever?)

टाइफाइड बुखार को रोकने के लिए और खासकर हाई रिस्क वाले इलाकों में इन बातों पर फोकस करना चाहिए|

  1. वैक्सिनेशन – इस मामले में ओरल (मुंह से दिए जाने वाले) और इंजेक्टेबल यानी सिरिंज के जरिए लगाए जाने वाले टीके काफी कारगर साबित होते हैं| खासकर उन लोगों के लिए जो हाई रिस्क वाले इलाकों का सफर करते हैं|
  2. साफ और सुरक्षित पानी – उबला हुआ, स्वच्छ बोतलबंद पानी ही प्रयोग करना चाहिए|
  3. साफ सफाई – हाईजीन, खासतौर पर नियमित रूप से हाथ धोने की आदत डालनी चाहिए|
  4. भोजन की सुरक्षा – अच्छी तरह से पूरा पका भोजन ही खाना चाहिए| भोजन साफ जगह पर पका होना चाहिए| इसके साथ साथ कच्चे फल और सब्जियों को छीलकर ही सेवन करें| अगर स्ट्रीट फूड खा रहे हैं तो स्वच्छता का खास ख्याल रखें|

टाइफाइड बुखार के लक्षणों, कारणों और इलाज के सभी विकल्पों को समझ कर लोगों को बुखार से बचाव करने में सक्षम बनाया जा सकता है| बुखार से पूरी तरह ठीक होने के लिए सही समय पर इलाज और समय पर लक्षणों की जांच महत्वपूर्ण है| अगर किसी व्यक्ति में ऐसे लक्षण दिख रहे हैं तो उन्हें डॉ| लाल पैथलेब्स से टाइफाइड बुखार के टेस्ट के लिए बुक करना चाहिए| ध्यान रहे कि जांच से पहले डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी है|

FAQ

1.टाइफाइड बुखार का पहला संकेत क्या है?

टाइफाइड बुखार का पहला लक्षण तेज बुखार है|

2.टाइफाइड बुखार से शरीर का कौन सा अंग प्रभावित होता है?

टाइफाइड बुखार में आंतें सबसे ज्यादा प्रभावित होती हैं| इस वजह से पेट में दर्द और गैस्ट्रोइंटेंस्टाइनल से जुड़े लक्षण पैदा होते हैं|

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