एलर्जी – लक्षण और कारण
देश की 20 से 30 फीसदी जनता एलर्जी (Allergy) से जुड़ी कम से कम एक एक बीमारी की शिकार है। देखा जाए तो भारत में एलर्जी के सबसे आम मामलों में एटोपिक जिल्द की सूजन, एलर्जिक राइनाटिस, फूड एलर्जी और दवा से होने वाली एलर्जी शामिल है। हेल्थ एक्सपर्ट कहते हैं कि भारत में एलर्जी के बढ़ते मामले चिंता का विषय हैं। एलर्जी आहार संबंधी आदतों, एन्यावयमेंटल फैक्टर और लाइफटाइल में एकाएक हो रहे बदलाव के चलते हो सकती है। हालांकि आजकल मौसम का बदलना भी एलर्जी का एक कारण माना जाने लगा है, खासकर मानसून का मौसम क्योंकि इस मौसम में एलर्जी का शिकार बहुत ज्यादा लोग होते हैं। चलिए इस लेख में जानते हैं कि एलर्जी क्या है और इसके लक्षण और कारण क्या हैं।
क्या है एलर्जी?
एलर्जी दरअसल एक रिएक्शन है जो एलर्जेन के शरीर में प्रवेश करने के दौरान होता है। एलर्जी पैदा करने वाले पदार्थों को एलर्जेन कहते हैं और जब एलर्जेन शरीर में प्रवेश करते हैं तो शरीर का इम्यून सिस्टम यानी प्रतिरक्षा प्रणाली रिएक्शन पैदा करती है। आपको बता दें कि शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली बाहरी बैक्टीरिया और वायरस के हमले से लड़ने और उसे नष्ट करने के लिए शरीर के भीतर ही एंटीबॉडी नामक प्रोटीन तैयार करती हैं। जब किसी व्यक्ति के शरीर में एलर्जेन पहुंच जाते हैं तो प्रतिरक्षा प्रणाली उसे पहचान कर उसे नष्ट करने के लिए एंटीबॉडी का इस्तेमाल करती है और इस समय शरीर पर जो रिएक्शन दिखता है वो एलर्जी कहलाता है।
किसी व्यक्ति के शरीर पर एलर्जिक रिएक्शन उसकी स्किन, साइनस, डाइजेस्टिव सिस्टम या वायुमार्ग (सांस लेने की नली) पर दिखाई देता है। ये एलर्जी दवाओं, धूल, पराग के कणों या दूसरे कई अन्य तत्वों से हो सकती है। ये सभी चीजें अलग अलग लोगों में अलग अलग तरह के रिएक्शन करती हैं।
एलर्जी कई प्रकार की होती है –
- फूड एलर्जी
- अस्थमा
- स्किन एलर्जी
- एटोपिक जिल्द की सूजन
- किसी दवा से एलर्जी
- कीट पतंगों के काटने से एलर्जी
- मौसम के बदलाव से होने वाली एलर्जी
एलर्जी के क्या कारण हैं?
जब शरीर पर कोई हानिरहित पदार्थ हमला करता है तो प्रतिरक्षा प्रणाली के रिएक्शन से शरीर पर एलर्जी होती है। जब एक बार प्रतिरक्षा प्रणाली एलर्जी बनाने वाले उस पदार्थ यानी एलर्जेन के खिलाफ एंटीबॉडी बना लेती है तो इसके बाद जब भी कोई व्यक्ति उस एलर्जेन के संपर्क में आएगा तो शरीर में एलर्जिक रिएक्शन यानी एलर्जिक प्रतिक्रिया होगी।
एलर्जी के कारणों की बात करें तो एलर्जी हर व्यक्ति में अलग अलग कारणों से होती है। देखा जाए तो दुनिया में कई तरह के पदार्थ हैं जो एलर्जी का कारण बन सकते हैं. एलर्जी के कुछ सामान्य कारण इस प्रक्रार हैं।
- हवा से होने वाली एलर्जी– इसे एयरबोन एलर्जी कहा जाता है। इनमें धूल, धुआं, परागकण, जानवरों के फर और बाल और फफूंद यानी फंगस शामिल हैं।
- भोजन – कुछ खास प्रकार के भोज्य पदार्थ जैसे मेवे, दूध,सोया, अंडे, मूंगफली, शेलफिश, गेंहू, तेल जैसे फूड्स एलर्जी का कारण बन जाते हैं।
- कीड़ों के डंक– कुछ कीड़ों के काटने और कुछ कीड़ों के डंक जैसे ततैया और मधुमक्खी का डंक भी एलर्जी का कारण बन सकता है।
- दवाएं – कुछ खास दवाएं जैसे पेनसिलिन पर बेस्ड दवाएं एलर्जी का कारण बन सकती हैं।
- लेटेक्स औऱ अन्य पदार्थ – लेटेक्स यानी रबर, किसी पेड़ की छाल, पेड़ से निकलने वाले दूध और पानी के साथ साथ रबर से बनने वाले कुछ खास सामान एलर्जिक रिएक्शन का कारण बन सकते हैं. इस दौरान त्वचा पर खुजली और रेशेज पड़ जाते हैं।
- परफ्यूम – खास तरह के परफ्यूम, एसेंशियल ऑयल, इत्र आदि भी एलर्जी का कारण माने जाते हैं।
- धातु – खास तरह की धातु जैसे निकल, तांबा, लोहा या कोबाल्ट और इनके बने आभूषण आदि भी एलर्जी पैदा कर सकते हैं।
एलर्जी के सामान्य लक्षण क्या क्या हैं?
एलर्जी के लक्षण अलग अलग व्यक्तियों में अलग अलग हो सकते हैं। ये लक्षण आमतौर पर एलर्जी के प्रकार और उसकी गंभीरता पर निर्भर करते हैं. एलर्जी के कुछ सामान्य दिखने वाले लक्षण इस प्रकार हैं।
- नाक बंद होना और लगातार नाक से पानी बहते रहना
- लगातार छींक आना और खांसी होना
- लगातार थकान का अनुभव होना
- सिर में दर्द होना
- बुखार होना
- मतली और उल्टी महसूस होना
- सांस लेने में दिक्कत होना
- सीने में घरघराहट की आवाज आना
- आंखों से पानी बहना
- आंखों के आस पास सूजन आना
- आंखों का लाल हो जाना और उनमें खुजली होना
- त्वचा में खुजली होना
- त्वचा में जलन महसूस होना
- त्वचा पर लाल चकत्ते पड़ना
- त्वचा पर दाने और खिंचाव महसूस होना
एलर्जी की पहचान कैसे की जाती है?
एलर्जी की पहचान इन तरीकों से होती है।
- ब्लड टेस्ट (blood test) – ब्लड टेस्ट के जरिए शरीर में उन सेल्स यानी कोशिकाओं का पता लगाया जाता है जो एलर्जी पर रिएक्ट कर रही हैं।
- स्किन प्रिक टेस्ट (skin prick test) – इसे स्क्रेच टेस्ट भी कहते हैं. इस टेस्ट के तहत एलर्जी पैदा करने वाले संभावित पदार्थों को स्किन पर रगड़ा जाता है ताकि देखा जा सके कि शरीर कोई एलर्जिक रिएक्शन दे रहा है या नहीं. आमतौर पर इस टेस्ट के जरिए जाना जाता है कि शरीर किस तरह के पदार्थ की एलर्जी झेल रहा है।
- इंट्राडर्मल टेस्ट (Intradermal test)– इस टेस्ट में एलर्जेन पदार्थो से भरे घोल को शरीर में इंजेक्ट किया जाता है. आमतौर पर कमजोर या कम एलर्जिक मामलों में ये टेस्ट किया जाता है।
- पैच टेस्ट (Patch test) – इस टेस्ट में एलर्जेन यानी एलर्जी पैदा करने वाले संदिग्ध पदार्थ से भरे एक पैच को स्किन से चिपका दिया जाता है. पैच लगाने के बाद 48 घंटे का इंतजार किया जाता है और फिर त्वचा पर इसका रिएक्शन देखा जाता है. इसके बाद 72 घंटों और फिर 96 घंटों बाद फिर इसका शरीर में रिएक्शन देखा जाता है।
- ओरल फूड चैलेंज (Oral food challenges)– इस टेस्ट में व्यक्ति को एलर्जी पैदा करने वाले संभावित फूड खिलाकर उसका रिएक्शन चैक किया जाता है।
अगर किसी व्यक्ति को एलर्जी के लक्षण दिख रहे हैं तो डा. लाल पैथलेब्स में टेस्ट बुक करवाएं। ध्यान रहे टेस्ट से पहले डॉक्टरी परामर्स जरूरी है।
FAQ
1. क्या एलर्जी वंशानुगत हो सकती है?
जी हां, एलर्जी आनुवांशिक हो सकती है.ये माता पिता से बच्चों तक ट्रांसफर हो सकती है।
2. क्या एलर्जी ठीक हो सकती है?
एलर्जी को पूरी तरह ठीक नहीं किया जा सकता है. हालांकि दवा, परहेज और बचाव के तरीके अपनाकर इसके लक्षणों को कम या नियंत्रित किया जा सकता है।