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सर्दी और फ्लू- कारण, लक्षण, जांच और बचाव के तरीके

Symptoms of Cold and Flu

 

सामान्य सर्दी जुकाम को आमतौर पर कोल्ड (Cold) कहा जाता है। कोल्ड की बात करें तो ये श्वसन तंत्र यानी रेस्पिरेटरी टेक्ट (respiratory tract) में होने वाला वायरल संक्रमण है जिसमें सांस लेने की नली संक्रमित हो जाती है। देखा जाए तो फ्लू (Flu) और इंफ्लुएंजा (influenza) भी वायरल संक्रमण हैं जो श्वसन तंत्र को प्रभावित करते हैं। लेकिन कोल्ड से अलग फ्लू और इंफ्लुएंजा का संक्रमण एकाएक होता है और इसके लक्षण भी अचानक दिखते हैं। आमतौर पर ज्यादातर लोग कोल्ड और फ्लू के संक्रमण (Viral Infection) से बिना किसी इलाज के कुछ हफ्तों में ही ठीक हो जाते हैं, लेकिन कई बार लक्षण बिगड़ने पर डॉक्टर को दिखाना जरूरी हो जाता है। चलिए हम इस लेख में जानते हैं कि कोल्ड और फ्लू में क्या अंतर है। साथ ही जानेंगे इनके कारण, लक्षण, जांच और बचाव के तरीकों के बारे में सब कुछ।

कोल्ड और फ्लू के क्या कारण हैं? (What are the Causes of Cold and Flu?)

देखा जाए तो कोल्ड और फ्लू दोनों ही वायरल इंफेक्शन (Viral Infection) के कारण होते हैं। कुछ वायरस कोल्ड का कारण बन जाते है, जिसमें राइनोवायरस (rhinoviruses) सबसे आम वायरस है। राइनोवायरस हवा और सीधे संपर्क के जरिए फैलने वाला सबसे प्रचलित वायरस है, ये वायरस नाक, कान और मुंह के जरिए शरीर में प्रवेश करता है। वायरस शरीर में तब प्रवेश करता है जब –

 

  1. जब कोई व्यक्ति वायरस से संक्रमित सरफेस यानी सतह को छूता है और इसके बाद अपने कान, नाक या मुंह को वही हाथ लगाता है
  2. संक्रमित व्यक्ति के छींकने और खांसने से वायरस के ड्रॉपलेट्स बूंदों के रूप में हवा के जरिए दूसरे व्यक्ति को संक्रमित करता है
  3. संक्रमित व्यक्ति की निजी वस्तुएं जैसे तौलिया, टूथब्रश, साबुन आदि को इस्तेमाल करने से वायरस दूसरे व्यक्ति में पहुंच जाता है
  4. संक्रमित व्यक्ति से हाथ मिलाने के बाद वही हाथ मुंह, कान या नाक में लगाने पर भी वारयस संक्रमण हो सकता है।
  5. बीमार लोगों, बच्चों, बुजुर्गों औऱ कमजोर इम्यून सिस्टम यानी कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों को कोल्ड और फ्लू का रिस्क सबसे ज्यादा होता है।

कोल्ड और फ्लू में क्या अंतर है? (What is the Difference between Cold and Flu?) 

कोल्ड और फ्लू संक्रमण के लक्षणों में बहुत ज्यादा अंतर नहीं हो पाता है। अगर कोई व्यक्ति कोल्ड और फ्लू से पीड़ित है तो उसे देखकर ये अंदाजा लगाना मुश्किल हो सकता है कि वो किस वायरस से संक्रमित है क्योंकि दोनों ही संक्रमणों के लक्षण एक दूसरे से काफी मिलते जुलते हैं. दोनों के बीच अंतर करने के लिए ये तरीके अपनाए जा सकते हैं –

 

  1. फ्लू के लक्षण कोल्ड के लक्षणों से गंभीर होते हैं।
  2. फ्लू के लक्षण अचानक दिखते हैं जबकि कोल्ड के लक्षण धीरे धीरे विकसित होते हैं।
  3. कोल्ड में मरीज को ठंड के साथ कभी कभार ही बुखार चढ़ता है और कुछ एक बार उल्टी हो सकती है। दूसरी तरफ फ्लू के मामले में ठंड के बाद बुखार जरूर चढ़ता है और उल्टी भी होती है।
  4. कोल्ड कुछ दिनों में खुद ही ठीक हो जाता है और ये दूसरी जटिलताओं को कम ही विकसित करता है, जबकि दूसरी तरफ फ्लू निमोनिया (pneumonia ) और सेप्सिस (sepsis) जैसी गंभीर मेडिकल कंडीशन को जन्म दे सकता है।

कोल्ड के लक्षण क्या हैं? (What are the Symptoms of Cold?)

कोल्ड के लक्षण आमतौर पर धीरे धीरे विकसित होते हैं और खत्म होने से 4 से 7 दिन पहले गंभीर होने लगते हैं. सामान्य कोल्ड के लक्षण इस प्रकार हैं –

 

  1. नाक बहना या नाक बंद हो जाना
  2. लगातार छींक आना
  3. ठंड लगना और खांसी आना
  4. सिर में दर्द होना
  5. शरीर में हल्का हल्का दर्द होना
  6. आंखों से पानी बहना
  7. शरीर में थकान हावी होना
  8. गले में खराश पैदा होना

फ्लू के सामान्य और गंभीर लक्षण क्या हैं? (What are the Symptoms of Flu?) 

आमतौर पर फ्लू के लक्षण काफी हद तक कोल्ड से मिलते जुलते हैं और इसलिए लोग इनको एक जैसा समझ लेते हैं। फ्लू के सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं –

 

  1. धीमा और तेज बुखार आना
  2. शरीर में अत्यधिक थकान महसूस करना
  3. बार बार पसीना आना
  4. पसीना आने के बाद ठंड लगना
  5. मतली और उल्टी की समस्या
  6. मांसपेशियों में दर्द
  7. जोड़ों में दर्द होना

 

फ्लू के गंभीर और आपातकालीन लक्षण दिखने पर डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी हो जाता है। फ्लू के गंभीर लक्षण इस प्रकार दिखते हैं –

 

  1. बहुत तेज बुखार आना
  2. सांस फूलना
  3. शरीर में गंभीर रूप से कमजोरी आना
  4. लगातार चक्कर आना
  5. शरीर में पानी की कमी होना
  6. मरीज को दौरे पड़ना
  7. बार बार उल्टी आना

कोल्ड और फ्लू से बचाव के लिए क्या सावधानी बरतने की आवश्यकता पड़ती है? (What Precautions can be taken against Cold and Flu?) 

कोल्ड और फ्लू से बचाव तभी संभव है जब वायरस से दूर रहा जाए. कोल्ड और फ्लू से बचाव के लिए ये तरीके अपनाए जा सकते हैं।

 

  1. पब्लिक प्लेस या भीड़भाड़ वाले इलाकों में जाते समय मास्क पहनें या मुंह पर रूमाल रख लें।
  2. बार बार चेहरे खासकर नाक, कान और आंखों को छूने से बचें।
  3. बाहर से लौटने पर साबुन से कुछ देर तक हाथ जरूर साफ करें।
  4. आस पास के सरफेस यानी सतहों को सेनिटाइजर से साफ करते रहें।
  5. कोल्ड और फ्लू से संक्रमित लोगों से सीधा संपर्क बनाने से बचें।
  6. कोल्ड और फ्लू से संक्रमित लोगों की निजी वस्तुओं को छूने या इस्तेमाल करने से बचें।

कोल्ड औऱ फ्लू के लक्षण आपस में काफी मिलते जुलते हैं। आमतौर पर कोल्ड और फ्लू के लक्षण बिना डॉक्टरी इलाज के कुछ ही दिन में खुद ब खुद ठीक हो जाते हैं। लेकिन अगर किसी व्यक्ति में ये लक्षण लगातार बने हुए हैं तो डॉ. लाल पैथलैब्स में फीवर पैनल टेस्ट (fever panel test) करवाना चाहिए।

FAQ 

कोल्ड और फ्लू के लक्षण आमतौर पर कितने दिनों तक रहते हैं?

प्रश्न – कोल्ड के लक्षण आमतौर पर 7 से 10 दिनों तक रहते हैं जबकि फ्लू के लक्षणों को ठीक होने में 7 दिन से दो सप्ताह लग सकते हैं.

प्रश्न – कोल्ड और फ्लू होने पर डॉक्टर से कब संपर्क करना चाहिए?

कोल्ड के लक्षण अगर बिगड़ते हैं या फिर ये लक्षण 10 दिनों से ज्यादा समय तक रहते हैं तो डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. वहीं फ्लू के लक्षण भी अगर दो सप्ताह से ज्यादा समय तक दिखें और बुखार लगातार ज्यादा रहे तो डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. इसके साथ साथ जो लोग गंभीर बीमारियों का शिकार हैं, उन्हें भी कोल्ड और फ्लू के समय डॉक्टरी परामर्श की जरूरत होती है.

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