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वायरल फीवर – कारण, लक्षण, जांच, उपचार और बचाव

Viral Fever

वायरल फीवर (Viral Fever) यानी वायरल बुखार शरीर में किसी वायरल संक्रमण के दौरान शरीर द्वारा किए जाने वाले रिएक्शन का एक सामान्य लक्षण है। वायरल बुखार अपने आप में कोई बीमारी नहीं है, ये किसी वायरस (virus Attack) के हमले के दौरान शरीर द्वारा की जाने वाली प्रतिक्रिया है। आमतौर पर वायरल बुखार के लक्षण केवल कुछ ही दिनों तक शरीर पर दिखते हैं और बुखार अपने आप एक सप्ताह में ठीक हो जाता है। लेकिन जब बुखार ज्यादा तेज हो जाए तो डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी माना जाता है। चलिए जानते हैं कि वायरल बुखार के कारण क्या हैं और साथ ही जानेंगे इसके लक्षण, उपचार, जांच और बचाव के तरीकों के बारे में सब कुछ।

वायरल बुखार क्या है ? (What is Viral Fever)

जब किसी व्यक्ति के शरीर का तापमान ज्यादा हो जाता है तो ये स्थिति वायरल बुखार कहलाती है। अगर व्यक्ति के शरीर का तापमान 98.6° F (36° C) से ऊपर जा रहा है तो इसे वायरल बुखार कहा जाएगा. जब शरीर पर किसी वायरस का हमला होता है तो शरीर का इम्यून सिस्टम यानी प्रतिरक्षा प्रणाली उसके खिलाफ काम करना शुरू कर देती है। प्रतिरक्षा प्रणाली के कामकाज के दौरान शरीर का तामपान बढ़ना ही वायरल बुखार कहलाता है. ज्यादातर मामलों में वायरल बुखार कुछ दिनों में अपने आप ही ठीक हो जाता है। वायरल बुखार जिन वायरल संक्रमणों के कारण होता है, उनमें फ्लू (Flu), डेंगू (Dengue) और कोविड-19 (Covid – 19) शामिल हैं।

वायरल बुखार कैसे होता है? (What Cause Viral Fever?)

वायरल बुखार वायरस के शरीर पर हमले के रिएक्शन में होता है। आपको बता दें कि कई वायरस उच्च तापमान यानी हाई टैंपरेचर के प्रति संवेदनशील होते हैं। शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली शरीर का तापमान बढ़ाकर इन वायरल संक्रमणों से लड़ने की कोशिश करती है. इसी कार्रवाई के दौरान शरीर का तापमान बढ़ जाता है और व्यक्ति बुखार की चपेट में आ जाता है. दुनिया में तरह तरह के वायरस हैं और वायरस की ये विविधता ही वायरल संक्रमण का कारण बनती है।

शरीर में वायरस तब हमला करता है जब कोई व्यक्ति –

 

  1. वायरस से संक्रमित किसी सरफेस या सतह को छूता है और उसके बाद अपने चेहरे को छू लेता है।
  2. वायरल संक्रमण से पीड़ित कोई व्यक्ति जब खांसता या छींकता है तो उस वायरस के ड्रॉपलेट्स यानी हवा में उसकी बूंदों के जरिए दूसरे व्यक्ति को संक्रमित कर डालता है।
  3. जब कोई व्यक्ति वायरस से संक्रमित किसी चीज को खाता या निगलता है।
  4. वायरस से संक्रमित किसी जानवर या कीट द्वारा काटे जाने पर ये संक्रमण दूसरे व्यक्ति को संक्रमित कर सकता है।

वायरल बुखार के लक्षण क्या हैं? (What are the Symptoms of Viral Fever?)

वायरल बुखार के लक्षण वायरस की गंभीरता के आधार पर हर व्यक्ति में अलग अलग दिख सकते हैं. वायरल बुखार के सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं –

 

  1. शरीर का तापमान 98.6° F (36° C) से ज्यादा होना।
  2. भूख ना लगना – वायरल बुखार से पीड़ित व्यक्ति की भूख कम हो जाती है।
  3. पानी की कमी – वायरल बुखार से पीड़ित व्यक्ति के शरीर में पानी की कमी हो जाती है।
  4. ठंड लगना – मरीज को ठंड लगने लगती है और कई बार कंपकंपी आती है।
  5. तेज पसीना आना – मरीज को एकाएक तेज पसीना आने लगता है।
  6. कमजोरी महसूस होना – मरीज शरीर में बहुत ज्यादा कमजोरी महसूस करने लगता है।
  7. मांसपेशियों में दर्द – मरीज के हाथ पैरों की मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होने लगता है।
  8. नाक बहना – मरीज की नाक बहने लगती है और गले में खराश के साथ साथ खांसी भी होने लगती है।
  9. सिरदर्द – मरीज के सिर में दर्द होने लगता है।
  10. मतली महसूस होना – मरीज को कुछ भी खाने या पीने के दौरान मतली महसूस होती है।
  11. मरीज की त्वचा पर रेशेज भी आ सकते हैं।

वायरल बुखार के गंभीर लक्षण

बुखार ज्यादा तेज हो जाने पर मरीज के शरीर पर इस तरह के लक्षण दिखते हैं।

 

  1. सांस लेने में तकलीफ – मरीज को सांस लेने में तकलीफ होने लगती है और वो हांफने लगता है।
  2. चेस्ट पेन -मरीज की छाती में दर्द होने लगता है।
  3. लगातार उल्टियां – मरीज बार बार उल्टियां करने लगता है।
  4. सिर में तेज दर्द – मरीज के सिर में तेज दर्द होने लगता है।

वायरल बुखार की जांच कैसे होती है? (How is Viral Fever Diagnosed?)

वायरल बुखार की जांच का सबसे पहला कदम है शरीर के तापमान की जांच (measuring the body temperature) करना। किसी भी व्यक्ति के शरीर का तापमान 99° F (37.2° C) से लेकर 103° F (39° C) या इससे ज्यादा होता है तो ये वायरल बुखार का संकेत है।

इसके अलावा डॉक्टर शरीर में वायरल संक्रमण को कंफर्म करने के लिए ब्लड टेस्ट (Blood Test) और बॉडी फ्लुइड की जांच की सलाह देते हैं। इससे वायरल बुखार की पुष्टि के साथ साथ शरीर में बैक्टीरियल संक्रमण की भी पुष्टि होती है।

वायरल बुखार का इलाज कैसे किया जाता है? (What are the Treatments for Viral Fever?)

वायरल बुखार का इलाज बुखार के लक्षणों से राहत देने पर फोकस किया जाता है. इसके साथ साथ शरीर में वायरल संक्रमण को खत्म करने वाली दवाएं भी दी जाती हैं. वायरल बुखार के इलाज में ये चरण शामिल हैं –

 

1. मरीज को बुखार कम करने वाली दवाएं दी जाती हैं।
2. मरीज को इस दौरान पूरी तरह आराम करने की हिदायत दी जाती है।
3. मरीज को इस दौरान ढेर सारे तरल पदार्थ दिए जाते हैं ताकि शरीर में पानी की कमी पूरी हो सके।
4. मरीज को डॉक्टर द्वारा बताई गई एंटी वायरल दवाएं दी जाती हैं।
5. मरीज को इस दौरान हल्के गर्म पानी से स्नान करना चाहिए ताकि उसके शरीर का तापमान कम हो सके।

वायरल बुखार से बचाव कैसे करें (How can Viral Fever be Prevented?)

संक्रमण फैलाने वाले वायरस से बचाव करके वायरल बुखार को रोका जा सकता है।

 

1. वायरल बुखार रोकने के लिए इन्फ्लुएंजा जैसे आम वायरल संक्रमण को रोकने वाला टीकाकरण जरूरी है।
2. बार बार नाक, कान और आंखों को छूने से बचें।
3. बाहर से आने के बाद साबुन से हाथ धोएं।
4. जहां ज्यादा लोग हाथ लगाते हों, ऐसी सतहों को बार बार साफ करें।
5. पब्लिक प्लेस और भीड़ भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहन कर जाएं।
6. दूसरे व्यक्ति की निजी चीजों के इस्तेमाल से बचें, जैसे तौलिया, साबुन, टूथब्रश, मग आदि।

आमतौर पर वायरल बुखार 3 से 7 दिन के भीतर ठीक हो जाता है. लेकिन यदि तापमान 103 डिग्री से ज्यादा पहुंच जाए तो डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। वायरल बुखार के लक्षण दिखने पर आज ही डॉ. लाल पैथलैब्स में टेस्ट बुक करवाएं.

FAQ

वायरल बुखार कितने दिन तक रहता है?

वायरल बुखार का समय वायरल संक्रमण फैलाने वाले वायरस की गंभीरता पर निर्भर करता है. हालांकि ज्यादातर मामलों में वायरल बुखार 3 से 7 दिनों तक रहता है.

क्या एंटीबायोटिक्स वायरल बुखार ठीक कर सकती हैं?

एंटीबायोटिक्स दवाएं बैक्टीरियल इंफेक्शन के कारण हुए बुखार को ठीक कर सकती हैं, लेकिन वायरल इंफेक्शन और उससे होने वाले वायरल बुखार को ये ठीक नहीं कर पाती हैं.

 

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