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क्या है लिपिड प्रोफाइल टेस्ट

Lipid Profile Test

शरीर में कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड के लेवल को नापने के लिए आमतौर पर लिपिड प्रोफाइल टेस्ट किया जाता है। इसे आम भाषा में कोलेस्ट्रॉल टेस्ट भी कहा जाता है। कोलेस्ट्रॉल शरीर के लिए एक जरूरी वसा है, इसका स्तर बढ़ जाए तो हार्ट संबंधी कई दिक्कतें पैदा हो सकती हैं। वहीं ट्राइग्लिसराइड खून में पाई जाने वाली वसा है जो शरीर को एनर्जी देती है, अगर इसका स्तर ज्यादा हो जाए तो शरीर हार्ट अटैक और स्ट्रोक का शिकार बन सकता है। स्वस्थ शरीर और स्वस्थ दिल की निगरानी के लिए लिपिड प्रोफाइल करवाना जरूरी माना जाता है. ह्रदय रोग और उससे जुड़े परीक्षणों के साथ लिपिड प्रोफाइल टेस्ट किया जाता है. इस टेस्ट में कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड को तीन चरणों में मापा जाता है। चलिए जानते हैं कि लिपिड प्रोफाइल क्या है, इसका उद्देश्य क्या है और ये कैसे किया जाता है।

क्या है लिपिड प्रोफाइल टेस्ट ?

लिपिड प्रोफाइल टेस्ट एक स्टेंडर्ड ब्लड टेस्ट है जिसके जरिए मरीज के शरीर के खून में लिपिड यानी वसा के अणुओं की मात्रा को मापा जाता है। इसमें अलग अलग माप होते हैं जिनके जरिए कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड के स्तर को मापा जाता है। लिपिड टेस्ट किसी व्यक्ति के ह्रदय संबंधी स्वास्थ्य को मापने का एक आवश्यक इंडीकेटर है। अगर प्रोफाइल टेस्ट में लिपिड का लेवल हाई आता है तो इससे संकेत मिलता है कि ब्लड वैसल्स यानी रक्त वाहनियों में रुकावट आ गई है। इससे दिल की सेहत प्रभावित होती है और हार्ट अटैक और स्ट्रोक के खतरे बढ़ सकते हैं।

लिपिड टेस्ट को कोलेस्ट्रॉल टेस्ट के साथ साथ कोरोनरी रिस्क पैनल औऱ कोलेस्ट्रॉल पैनल भी कहा जाता है। वयस्कों और बच्चों में ह्रदय संबंधी बीमारियों जैसे हार्ट हैल्थ, हार्ट डिजीज, हार्ट अटैक, स्ट्रोक आदि के रिस्क का आकलन करने के लिए हेल्थ प्रोफेशनल लिपिड प्रोफाइल टेस्ट करते हैं।

लिपिड प्रोफाइल टेस्ट कैसे किया जाता है?

लिपिड प्रोफाइल टेस्ट में लिपिड पैनल खून के सैंपल से लिपिड के कई प्रकारों के स्तर को मापता है. ये प्रकार इस तरह हैं।

 

  1. टोटल कोल्स्ट्रॉल – ये खून में मौजूद पूरे कोलेस्ट्रॉल का लेवल जांचता है, जिसमें एलडीएल -सी (Low-density lipoprotein), वीएलडीएल-सी (Very low-density lipoprotein) और एचडीएल-सी (High-density lipoprotein) शामिल हैं।
  2. एलडीएल -सी – ये कम घनत्व यानी कम डेंसिटी वाला लिपोप्रोटीन कोलेस्ट्रॉल है जिसे अक्सर खराब यानी बैड कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है। एलडीएल अक्सर ब्लड वैसल्स में जमा होकर दिल के दौरे के रिस्क बढ़ा देता है।
  3. वीएलडीएल-सी – ये बहुत ही कम घनत्व यानी बहुत कम डैंसिटी वाली लिपोप्रोटीन कोलेस्ट्रॉल है जो मरीज द्वारा खाए गए हालिया भोजन से प्राप्त होता है। जब ब्लड का सैंपल लिया जाता है तो ये खून में काफी कम मात्रा में मिलता है। अगर खून के सैंपल में वीएलडीएल का लेवल ज्यादा होता है तो ये असामान्य लिपिड मेटाबॉलिज्म का संकेत देता है।
  4. हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन – ये उच्च घनत्व वाला यानी हाई डैंसिटी वाला लिपोप्रोटीन कोलेस्ट्रॉल है जिसे गुड कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है।अगर शरीर में इसका लेवल सही है तो ब्लड में बैड कोलेस्ट्रॉल का निर्माण अपने आप कम होने लगता है। यानी गुड कोलेस्ट्रॉल शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम बनाए रखता है।
  5. ट्राइग्लिसराइड्स – ट्राइग्लिसराइड्स वो वसा है जो व्यक्ति द्वारा खाए गए भोजन से शरीर को मिलती है। अगर ब्लड के सैंपल में ट्राइग्लिसराइड्स की मात्रा ज्यादा निकलती है तो ये अग्नाशय यानी पैनक्रियाज की सूजन और हार्ट से जुड़ी बीमारियों की ओर संकेत करती है।

एक लिपिड प्रोफाइल पैनल में ऊपर लिखे सभी टेस्ट प्राइमरी टेस्ट कहे जाते हैं. इसके अलावा पैनल में कुछ अन्य टेस्ट भी कराए जाते हैं।

लिपिड प्रोफाइल टेस्ट का उपयोग किसलिए होता है?

डॉक्टर लिपिड प्रोफाइल टेस्ट का उपयोग कार्डियोवेस्कुलर हेल्थ (हार्ट हेल्थ) और हार्ट से जुड़ी बीमारियों के आकलन के लिए करते हैं। इस टेस्ट के जरिए खून में कोलेस्ट्रॉल की स्थिति की जांच की जाती है। इसके बाद इस टेस्ट का उपयोग दूसरी मेडिकल कंडीशन को जांचने और उनके इलाज के लिए भी किया जाता है। एक डॉक्टर द्वारा लिपिड प्रोफाइल टेस्ट को रेकेमंड करने के कारण इस प्रकार हैं।

  1. रूटीन ब्लड टेस्ट – इसके जरिए किसी भी व्यक्ति के शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर पता चलता है।
  2. लिवर संबंधी रोग – लिवर के रोग औऱ उससे जुड़े जोखिमों को पता लगाने के लिए।
  3. दवाओं और लाइफस्टाइल में बदलावों के बाद होने वाले रिएक्शन का आकलन करने के लिए।
  4. दूसरी अन्य तरह की स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों का पता लगाने के लिए।

 

अगर किसी व्यक्ति में ह्रदय संबंधी बीमारियों से जुड़े रिस्क दिखते हैं तो डॉक्टर लिपिड प्रोफाइल टेस्ट करवाने की सलाह देते हैं। सटीक और तुरंत लिपिड प्रोफाइल टेस्ट के लिए आज ही डॉ. लाल पैथलेब्स में स्लॉट बुक करें।

FAQ 

1. लिपिड प्रोफाइल टेस्ट किस व्यक्ति को करवाना चाहिए?

लिपिड प्रोफाइल टेस्ट उन सभी लोगों के लिए रेकेमेंड किया जाता है जो धूम्रपान यानी स्मोकिंग करते आए हैं, मोटापे से ग्रस्त हैं, 45 और 50 साल के ऊपर के लोग, खासतौर पर इसी उम्र की महिलाएं, शुगर के मरीज और हाई बीपी के मरीज।

2. लिपिड प्रोफाइल टेस्ट की तैयारी कैसे की जाती है?

ब्लड सैंपल लेने से पहले मरीज को आमतौर पर 10 से 12 घंटे तक भूखा रहना होता है।

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